Wednesday, June 2, 2010

Rose

There are always thorns
with a rose,
To enjoy the beauty
we bear the pain of those,
We forget all the pain
when the fragrance reaches our nose,
And we feel the urge
of holding it close.
No matter for how long
the rose in our hand stays
But it is in us
where its feeling portrays
We wish to prolong its presence
in our life always...

शाम से सुबह

दूर शाम के धुंधलके में,
कुछ अक्स उभरे|
कुछ सपने टूटे,
कुछ सच उभरे|
रात के अन्धकार ने समेटा,
टूटे सपनो के टूकड़ों को,
सुबह लायी नया दिन,
नयी शुरुआत कर जाने को,
और कुछ नए सपने,
सच कर दिखने को|

आधा सफ़र

समंदर में निकला,
होकर हवा पर सवार,
लहरों ने दिया साथ दूर तक,
हो गया आधा सफ़र पार.
पर समय ने ऐसा मुंह मोड़ा,
अब बस कर सकता हूँ इंतजार.
ना हवा का साथ है,
ना ही लहरों का,
और भूल आया हूँ पतवार.

Tuesday, March 23, 2010

दिल की गहराई

वक्त हर दर्द की दवा,
मिट जायेगा दिल का दर्द वक्त के साथ.
नहीं मिट पाया तो भी
दब जाएगा दिल की गहराई में.
समंदर की गहराई तो नापी,
नहीं नाप सका कोई दिल की गहराई,
इतना गहरा है दिल की,
ना कुछ दिखेगा ना सुनेगा.
होगा तो बस कभी कभी एक अहसास,
कुछ तो है दिल में,
दिल के बहुत पास.

Tuesday, February 9, 2010

अपना सा

बहुत किस्मत से मिलता है कोई,
बहुत अपना सा जो लगे.
साथ हो उसका तो हर पल,
एक सपना सा लगे.
दूर हो तो घडी धीमी चले,
साथ हो तो समय का पता ना चले.
कमी नहीं थी कोई,
उसके आने के पहले,
जाने के बाद उसके,
सब कुछ सूना सूना लगे.

सबसे खूबसूरत इन्सान

ठंडी सर्द रात,
चारों और अँधेरा,
टूटे दांत, काला चेहरा;
बाल भी बिखरे-बिखरे ,
सर्द हवा में भी,
तन पर था तो फटा-पुराना कपडा;
देखो तो फटी आंख ना सुहाए,
पर हुआ तभी कुछ ऐसा,
जिस पर विस्वास न आये,
था वो उस पल,
सबसे खूबसूरत इन्सान,
जब थी उसके दिल में दुआ,
आँखों में चमक,
और आई चेहरे पर निश्छल मुस्कान.

Dead End

I am at dead end,

Let me stay here,

I don't want to go back.

If it is a stone wall,

I will punch it,

Till it break.

If it is a sea,

Either I will drown or cross it,

Just for my own sake.

If i don't do this,

My heart will surely regret.